लेखनी कहानी - लाम्बी देहर माइंस- डरावनी कहानियाँ
लाम्बी देहर माइंस- डरावनी कहानियाँ
लाम्बी देहर माइंस, मसूरी के बाहरी इलाके में स्तिथ है। 1990 से पहले यहाँ पर लाइमस्टोन का खनन किया जाता था। उस वक़्त यहाँ पर करीब 50000 मजदुर काम करते थे।
लाइम (चुना) हमारे शरीर में जाकर फेफड़ों में जम जाता है और फेफड़ो को पत्थर मेंर बदल देता है जिससे की इंसान को खुनी खासी (Bloody Cough) हो जाती जिससे उसकी दर्दनाक मौत होती है।
इससे बचने के लिए लाइमस्टोन माइंस के लिए कई सुरक्षा नियम बने हुए है पर लाम्बीब देहर माइंस में इस तरह के किसी भी नियम का पालन नहीं होता था नतीज़न वहा पर बड़ी संख्या में मजदुर इस बिमारी से मरने लगे।
इसके अलावा उन दिनों सुरक्षा नियमो की पालना के अभाव में, उस माइंस में काम पर लगे ट्रको के पहाड़ी से गिरने की भी कई घटनाएं हुई। फलस्वरूप सरकार ने सुरक्षा नियमो की अनदेखी के कारण इस माइंस को हमेशा के लिए बंद करवा दिया।
तब से यह जगह वीरान पड़ी है। जहाँ कभी 50000 मजदूरो की आबादी थी वहा पर अब मुश्किल से 1000 लोग रहते है। खाली पड़ी माइंस एयर घरों में बड़े बड़े पेड़ उग आये है। स्थनीय लोगो के अनुसार खाली पड़ी माइंस और घर अब आत्माओ का ठिकाना है।
यहाँ पर रात को लोगो के बाते करने की आवाज़े सुनाई देती है। एक और बात जो इस जगह को भयानक बनाती है वो है चलती हुई कार, बस, ट्रको का अचानक सड़क से उत्तर जाना जिससे की कई बार गंभीर हादसे भी हो जाते है।
यहाँ तक की यह पर एक हेलीकॉप्टर रहस्यमयी तरीके से क्रेश भी हो चुका है। यह सभी बाते मिलकर इस जगह को भारत की मोस्ट हॉन्टेड प्लेस की लिस्ट में स्थान दिलाती है।